Friday, January 26, 2018

सफलता और ज्ञान की कसौटी भाग-2

Director- Vandna choubey
प्रथम भाग के लिए दिये गये लिंक पर क्लिक करें- सफलता और ज्ञान की कसौटी 

क्लास में बैठे सभी लोगों पर उसने आश्चर्य भरी नजर डालकर फिर उस शख्स को देखा जो उसका इंटरव्यू लेने उसके सामने बैठ गया था। वो उस स्कूल का माली था। फिर स्कूल के प्रिन्सीपल ने उससे कहा- आपने तो पीसीएस की तैयारी में हिन्दी का भी अध्ययन किया होगाजी हाँ। लड़की ने हल्के गुस्से      से  जवाब दिया।
तो ठीक है। गोपाल जी। आप प्रश्नों की सिलसिला शुरू कीजिए
माली जिसका नाम गोपाल था, उसने अपना गला ठीक किया फिर प्रश्न किया।
                “जिमि सरिता सागर महुँ जाहि।
                 जद्यपि ताहि कामना नाहीं।
                 तिमि सुख संपति बिनहि बोलाएं।
                धर्मशील पहिं जहि सुभाएं।
इसका अर्थ बताइए। गोपाल ने अपने प्रश्न के समाप्ति के बाद कहा।
 वो लड़की उठ खडी हुई उसने गुस्से में कहा कि उसे अफसोस है कि वो मूर्खों के बीच में है, जहाँ ज्ञान की कसौटी और काबिलियत का ये पैमाना है। एक माली द्वारा पूछे गए चौपाई से ही क्या मेरे ज्ञान की परख होगी। इस लिहाज से तो मंदिर के सारे पंण्डितों को कॉलेजों में प्रोफेसर नियुक्त कर देना चाहिए। मेरी दादी को इस स्कूल का प्रिंसिपल होना चाहिए क्योंकि उन्हें सारे रामायण, रामचरितमानस कंठस्थ है।
प्रिन्सीपल भी तमक कर बोला- आप एक दोहे का अर्थ तो बता नहीं पा रही, फिर बच्चों को क्या पढ़ायेगी”?
लड़की नें पलट कर जवाब दिया- क्या आप मेरे प्रश्न का उत्तर दे सकते है? आप तो प्रिन्सिपल है, थोड़ी बहुत जानकारी आपको हर क्षेत्र की होनी चाहिए। क्या एक प्रश्न का उत्तर ना देने से हम फेल हो जायेगे? क्या किसी विषय के एक दो प्रश्न न बता पाए तो हम नाकाम इंसान है”? फिर उस लड़की ने वहाँ उपस्थित जनों से जो भी प्रश्न किया, उसका जवाब कोई भी नहीं दे पाया।
उस लड़की ने सबको शर्मिदां करते हुए कहा कि आपलोगो का तरीका कितना गलत है। आप मुझे पहले क्लास में बच्चों को पढ़ाने के लिए कहते। वहाँ मेरे पढ़ाने का तरीका देखते। फिर बच्चों से पूछते। बच्चे मुझे पास या फेल करते। कभी-2 कोई टीचर कुछ भूल भी सकता है, इसका ये मतलब नहीं कि वो इंसान अज्ञानी या असफल है। अगर आपको मुझे जॉब नहीं देनी है तो कोई और बहाना ढ़ूढ़िए, मगर शिक्षा के मंदिर को यूँ बदनाम न कीजिए।
 वो लड़की सभी को अवाक् छोड़कर वहाँ से निकल गई फिर उसने सबकुछ भूल अपनी तैयारी जारी रखी। और वक्त ने उसकी मेहनत देखी। एक दिन उसने पीसीएस की प्री और मेंस के साथ इन्टरव्यू में भी सफलता प्राप्त कर ली।
उसका सपना उसके ईमानदार और सच्चे मेहनत ने पूरा कर दिखाया।
दोस्तों अगर हम वाकई ज्ञान रखते है, खुद की काबलियित पर भरोसा है तो फिर दूसरा हमें कितना भी जज करें हम वो बन जायेगे. जिसके काबिल और हकदार हो। बस जरूरत होती है सच्चे लगन और मन से तैयारी की।

 तो दोस्तों अगली बार जब आप किसी इन्टरव्यू या परीक्षा में फेल हो तो निराश न हो बल्कि अपनी काबिलियत पर भरोसा रखते हुए अपनी कमी को दूर कर उत्साह से जिंदगी की भी परीक्षा पास कीजिए, जो सबसे कठिन होता है।

(आज वो लड़की अपने स्टाफ में उस जैसे प्रिंसिपल और टीचर को अपने काम पर रखी है।)



No comments:

Post a Comment

ADD.

R.D. COMPELX, Second floor B-27/86, Durgakund Road, Opp. Nilkanth Electronic, Murikatta Baba, Varanasi,
Office No. :7054721980
Other No. : 8707859654